तुझ को आज बताना होगा
क्या थी वो मजबूरी
साथ उम्र भर का देना था
दे दी उम्र भर की दूरी
कितने अतल थे तेरे इरादे
याद तो कर तू वफ़ा के वादे
तूने कहा था खाकर कस्में
सदा निभाएंगे प्यार की रस्में
तू औरों की क्यों हो गयी
तू हमारी थी जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैंने दुनिया सँवारी थी तू
औरों की क्यों हो गयी
प्यार की मस्ती तूने ना चाहि
तूने तो चाहा चांदी का प्याला
आँसू किसी के क्या तू पहनती
तुझ को पहनती थी मोती की माला हो
तुझ को पहनती थी मोती की माला
पग पग पर विश्वास के बदले
छला करेगी तुझ को शंका
आग की लपटों में लिपटी हैं
ये तेरी सोने की लंका तू
औरों की क्यों हो गयी
तू हमारी थी जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैंने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गयी
क्या ये तेरे सुख के साधन
मेरी याद को भुला सकेंगे
मेरी याद जब नींद उड़ा देगी
क्या ये तुज को सुला सकेंगे हो
क्या ये तुज को सुला सकेंगे
साधन में सुख होता नहीं हैं
सुख जीवन की एक कला हैं
मुझ से ही छल किया ना तूने
अपने को तूने आप छला हैं तू
औरों की क्यों हो गयी
तू हमारी थी जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैंने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गयी
तेरे लिए मैं लाया बहारें
तेरे लिए मैं जान पे खेला
दो दिन तूने ही राह ना देखि
छोड़ के चल दी मुझे अकेला हो
छोड़ के चल दी मुझे अकेला
तेरी जुदाई मेरी चिता हैं
गम की चिता में मैं जल रहा हूँ
मन मेरा डहाके मरघट जैसा
अंगारों पे मैं चल रहा हूँ तू
औरों की क्यों हो गयी
तू हमारी थी जान से प्यारी थी
तेरे लिए मैंने दुनिया सँवारी थी
तू औरों की क्यों हो गयी
तू औरों की क्यों हो गयी
तू औरों की क्यों हो गयी