हँ हँ हँ हँ
आये हिया हुंया हिया हुंया हिया हुंया हँ
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
एक मेमशाब हे
शाथ में शाब भी हे
एक मेमशाब हे, शाथ में शाब भी हे
मेमशाब शुन्दर-शुन्दर हे
शाब भी खूबशूरत हे
दोनों पाश-पाश हे, बातें खाश-खाश हे
दुनिया चाहे कुछ भी बोले, बोले
हम कुश नहीं बोलेगा
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हमरा एक पड़ोशी हे, हं हं हं हं
हमरा एक पड़ोशी हे
नाम जिशका जोशी हे
वो पाश हमरे आता हे
और हमको ये शमझाता हे
हे जब दो जवाँ दिल मिल जाएँगे
तब कुश न कुश तो होगा
हे जब दो बादल टकराएंगे
तब कुश न कुश तो होगा
दो शे चार हो शकते हैं
दो शे चार हो शकते हैं
चार से आठ हो शकते हैं
आठ से साठ हो शकते हैं
जो करता हे, पाता हे,
अरे अपने बाप का क्या जाता हे
जोशी पड़ोशी कुछ भी बोले, बोले
हम तो कुश नहीं बोलेगा
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
मेरी बुढ़िया नानी थी
मेरी बुढ़िया नानी थी
लेकिन वो बड़ी शयानी थी
गोदी में मुझे बिठाती थी
और शच्ची बात सुनाती थी
हे जब साल शतरवां लागेगा
दिल धरक धरक तो करेगा
किशी शुंदरी से नैनवा लड़ेगा
दिल खुशुर फुशुर भी करेगा
जब आग शे घी मिलेगा
जब आग शे घी मिलेगा
फिर तो वो भी घी पिघलेगा
पिघलेगा जी पिघलेगा
हाँ पिघलेगा जी पिघलेगा
ना आग शे ना घी शे हमको क्या किशी शे शु
नानी चाहे कुछ भी बोले, बोले
हम तो कुश नहीं बोलेगा शु
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता हे
हम बोलेगा तो शु