अरे ओ रे ओ रे ओ रे
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
धरती की तरह हर दुख सह ले सूरज की तरह तू जलती जा
धरती की तरह हर दुख सह ले सूरज की तरह तू जलती जा
सिन्दूर की लाज निभाने को चुप-चाप तू आग पे चलती जा
चुप-चाप तू आग पे चलती जा
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
देखी न ख़ुशी तूने रे कोई
देखी न ख़ुशी तूने रे कोई
जीवन से प्यार भी रूठ गया
जिस घर को मंदिर माना था
वो घर भी तुझसे छूट गया
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
धरती की तरह हर दुख सह ले
अपने युग की हर सीता को
अपने युग की हर सीता को
शोलों पे बिठाया जाता है
दामन कितना ही पावन हो
पर दोष लगाया जाता है
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
धरती की तरह हर दुख सह ले
संसार तुझी से चलता है
संसार तुझी से चलता है
तेरी कोख से मौत भी हारी है
भगवान की तरह महान है तू
कहने को अबला नारी है
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
धरती की तरह हर दुख सह ले सूरज की तरह तू जलती जा
सिन्दूर की लाज निभाने को चुप-चाप तू आग पे चलती जा
चुप-चाप तू आग पे चलती जा
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
अरे ओ रे ओ रे ओ रे
अरे ओ रे ओ रे ओ रे