Back to Top

Kishor Kumaar - Koi Haseena Lyrics



Kishor Kumaar - Koi Haseena Lyrics
Official




कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है

हट साले

हाथों में चाबुक होंठों पे गालियाँ
हाथों में चाबुक होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियाँ होती हैं तांगे वालियाँ
कोई तांगे वाली जब रूठ जाती है तो है तो है तो
और नमकीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

ज़ुल्फ़ों में छैय्याँ मुखड़े पे धूप है
है ज़ुल्फ़ों में छैय्याँ मुखड़े पे धूप है
बड़ा मज़ेदार गोरिये ये तेरा रंग रूप है
डोर से पतंग जब टूट जाती है तो है तो है तो
रुत रंगीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है

हट साले

हाथों में चाबुक होंठों पे गालियाँ
हाथों में चाबुक होंठों पे गालियाँ
बड़ी नखरे वालियाँ होती हैं तांगे वालियाँ
कोई तांगे वाली जब रूठ जाती है तो है तो है तो
और नमकीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है

ज़ुल्फ़ों में छैय्याँ मुखड़े पे धूप है
है ज़ुल्फ़ों में छैय्याँ मुखड़े पे धूप है
बड़ा मज़ेदार गोरिये ये तेरा रंग रूप है
डोर से पतंग जब टूट जाती है तो है तो है तो
रुत रंगीन हो जाती है
कोई हसीना जब रूठ जाती है तो
और भी हसीन हो जाती है
टेसन से गाड़ी जब छूट जाती है तो
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
एक दो तीन हो जाती है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, R. D. BURMAN
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




Kishor Kumaar - Koi Haseena Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kishor Kumaar
Length: 3:59
Written by: ANAND BAKSHI, R. D. BURMAN

Tags:
No tags yet