आँखें कहती है आज तेरी
तुझसा नही ख्वाब कोई
आँखे ऐसा रहा ना मंज़र
जिसमें नही आज कोई
आलम भी ऐसा हुआ
जो कह रहा तू है सुबह
मेरी खुशी की हर डगर
पर है तेरी चाहत सदा
मुझको तेरी बड़ी ज़रूरत
मेरा नही आज कोई
मुझको तेरी बड़ी ज़रूरत
मेरा नही आज कोई
तेरे लम्हों के हिस्से
थे मेरे जज़बों के किससे
की मेरी खुशियाँ है तुझसे
तू मेरा तू मेरा
मेरी उन्मीदो का घर
तेरे सब शामों शहर
मेरी किस्मत की डगर
रास्ता तू मेरा
कैसे कहूँ और किस तरह
हो जाए तू हाँ बस मेरा
तू भी तो हाँ ये बोलता
होता अगर मेरी जगह
मुझको तेरी मिली मोहब्बत
मेरा नही और कोई
मुझको तेरी मिली मोहब्बत
मेरा नही और कोई
मेरे ख्वाबों में
रहता तू ही तो बस
कहता है ये सफ़र
रास्ता तू मेरा
तेरे संग सातों जानम
जीना चाहे ये मन
कहती है ये धड़कन
तू मेरा तू मेरा
साया तेरा ऐसा पड़ा
तू ही दिखे अब हर जगह
अब आख़िरी दम तक हुआ
मुझपे अभी हक बस तेरा
मुझको तेरी बड़ी ज़रूरत
मेरा नही आज कोई
आँखें कहती आज तेरी
तुझसा नही ख्वाब कोई