ए मेरे हमसफ़र प्यार में बेख़बर
आज हम तुम सनम हद से जाए गुज़र
उम्र की ये डगर आए ना लौट कर
आज हम तुम सनम हद से जाए गुज़र
बस ये प्यार ही अपनी है ख़ाता
चाहें मौत की दुनिया दे सज़ा
होंगे ना जुदा जीते जी दिलबर
ए मेरे हमसफ़र प्यार में बेख़बर
आज हम तुम सनम हद से जाए गुज़र
उम्र की यह डगर आए ना लौट कर
आज हुमतूम सनम हद से जाए गुज़र
अरमानो खिले बढ़ने लगी हैं
शायद प्यार की मंज़िल यहीं है
में प्यासी नदी तू मेरा सागर
ए मेरे हमसफ़र प्यार में बेख़बर
आज हुम तूम सनम हद से जाए गुज़र
उम्र की यह डगर आए ना लौट कर
आज हम तुम सनम हद से जाए गुज़र