[ Featuring Laxmikant–Pyarelal, Wasi Raza ]
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
प्यासी नज़र के प्यास को, पनघट बना दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
प्यासी नज़र के प्यास को, पनघट बना दिया
जलते बदन की आग को
हर वक़्त तेरी याद सताए, मैं क्या करू
हर वक़्त तेरी याद सताए, मैं क्या करू
रातो मे मुझको नींद ना आए, मैं क्या करू
हमको दुआए दो, हमको दुआए दो
तुम्हे दिलबर बना दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
जलते बदन की आग को
दिल तुमको दे रही हू मैं, रखना संभाल के
दिल तुमको दे रही हू मैं, रखना संभाल के
बदले मे जान दे डू मैं, अपनी निकाल के
तौबा है मेरी तुमने तो, मुझको द्र दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
जलते बदन की आग को
लग कर गले शर्म के, दीवार तोड़ दो
लग कर गले शर्म के, दीवार तोड़ दो
थोड़ी जगह हवा के लिए, खाली छ्चोड़ दो
तुमने तो साँस लेना भी, मुश्किल बना दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
प्यासी नज़र के प्यास को, पनघट बना दिया
जलते बदन की आग को, तुमने बुझा दिया
प्यासी नज़र के प्यास को, पनघट बना दिया
जलते बदन की आग को