हू हू हू हू
सपनो का इक शहर था
जिसमे तू इक परी थी
तुझे चाहा खुद से ज़्यादा
ये मेरी ग़लती थी
लगता था हू अकेला
जिसको तुमने था चाहा
दर्द होता है अब समझ के
कोई और ही था सहारा
तुझे खुशियों से नवाज़े
उस रब से ये दुआ है
शायद ये ही सिला होता है
इक तरफा चाहने का
तुझे याद करता हू
तुझसे प्यार करता हू
शायद उम्मीदें ही थी वजह मैं
आज तन्हा हू
चाहा तुझको था दिल से
सब कुछ ही था तुझको पता
फिर भी क्यों ये दर्द दिया तूने मुझको
ज़िंदगी भर का
याद है वो एक समय था
जब तू मुझको हर लम्हा
याद करती थी
याद है वो जब तू मेरी
अनकही बातो को
जाना करती थी
दोस्ती की कसमे खा के
दोस्ती को भी ठुकराए
क्या पराए के आने से
टूटते है रिश्ते नाते
फिर भी प्यार करू मैं तुमसे सदा
शायद ये ही सिला होता है
इक तरफा चाहने का
तुझे याद करता हू
तुझसे प्यार करता हू
शायद उम्मीदें ही थी वजह मैं
आज तन्हा हू
चाहा तुझको था दिल से
सब कुछ ही था तुझको पता
फिर भी क्यों ये दर्द दिया तूने मुझको
ज़िंदगी भर का