मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी
मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी
मैं तो नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी, मैं तो
नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी, मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी, मैं तो
नाच नाच पिया रस के रिझाऊँ
नाच नाच पिया रस के रिझाऊँ, प्रेमी जन को जाचूँगी
मैं तो प्रेमी जन को जाचूँगी
प्रेम प्रीति के बाँध घुँघरूँ, सुरति की कछनी काछूँगी
मैं तो सुरति की कछनी काछूँगी
मैं तो नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी, मैं तो
नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी, मैं तो
लोक लाज कुल की मर्यादा, या मैं एक न राखूँगी
लोक लाज कुल की मर्यादा, या मैं एक न राखूँगी
पिया के पलंग जाय पडूँगी, मीराँ हरि रँग राचूँगी
मीराँ हरि रँग राचूँगी
नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी मैं तो
नाचूँगी, मैं तो नाचूँगी मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी
मैं तो गिरिधर आगे नाचूँगी मैं तो