खुश्क पाते बिखरे हैं ज़मीन पे
कह कभी चूमैन इन्हाइन सावन के साए
अंधेरी चादर औरे है हर सुबह
अंधेरी चादर औरे है हर सुबह
कह कभी फिर इससे रोशनी नज़र आए
फ़ज़ा लिए फिरे घफलत का घूबर
कह हवा फिर कभी संग खुश्बू लाए
बंद रज़ान गूँजे हैं हर तरफ
कह कभी फिर सेहरा जंगल बन जाए
खामोश है ज़मीन अपनी सफाई मैं
खामोश है ज़मीन अपनी सफाई मैं
कह कभी फिर अपनी मट्टी से प्यार लौट आए
फ़ज़ा लिए फिरे घफलत का घूबर
कह हवा फिर कभी संग खुश्बू लाए
फ़ज़ा लिए फिरे घफलत का घूबर
कह हवा फिर कभी संग खुश्बू लाए
दंम घुटे है हर पल हर क़दम
कह कभी फिर यहाँ ज़िंदगी आ जाए
सर्द चेहरे देखे हैं धुंधले ख्वाब
कह काश फिर कल सॉफ नज़र आए
फ़ज़ा लिए फिरे घफलत का घूबर
कह हवा फिर कभी संग खुश्बू लाए फ़ज़ा