बेबस-ओ-मजबूर हूँ
रंज-ओ-गम से चूर हूँ
बेबस और बेवजह
यार से क्यों दूर हूँ
मौला यार से क्यों दूर हूँ
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला, मेरे मौला, मेरे मौला
मौला तू बता, क्यों है भला
मुझसे मेरी किस्मत खफा
ना करार है, ना सुकून है
कैसा इश्क का, ये जुनून है
मौला मेरे मौला, मेरे मौला
में भटकता फिरता हूँ दरबदर
मुझे ना रही खुद की खबर
में भटकता फिरता हूँ दरबदर
मुझे ना रही खुद की खबर
बरसादे अब अपने करम
बरसादे अब अपने करम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
गम-ए-इश्क का मारा हूँ मैं
शबे हिज्र से हारा हूँ मैं
हो.. गम-ए-इश्क का मारा हूँ मैं
शबे हिज्र से हारा हूँ मैं
मौला पूरी कर मेरी मन्नतें
है तबाह दिल की जन्नतें
में भटकता फिरता हूँ दरबदर
मुझे ना रही खुद की खबर
कैसे है ये रंज-ओ-अलम
कैसे है ये रंज-ओ-अलम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
आ.. आ.. आ
आ.. मुझे यार का दीदार दे
या जीते जी मुझे मार दे
ओ.. मुझे यार का दीदार दे
या जीते जी मुझे मार दे
मेरे दिल की है यही इल्तेजा
मौला सुन भी ले मेरी दुआ
में भटकता फिरता हूँ दरबदर
मुझे ना रही खुद की खबर
मेरी आहों का रखले भरम
मेरी आहों का रखले भरम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम
मौला कर रहम, मौला कर रहम..