जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये
मन का संयम टूटा जाये
मन का संयम टूटा जाये
जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये
बिखरी अलकें झुकी झुकी पलके
आँचल में ये रूप छुपाये
बिखरी अलकें झुकी झुकी पलके
आँचल में ये रूप छुपाये
ऐसे आये छुई मुई सी
ऐसे आये छुई मुई सी
नजर से छुलू तो कुमलाये
मन का संयम टूटा जाये
जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये
कंचन सा तन कलियों सा मन
अंग अंग अमृत छलकाये
कंचन सा तन कलियों सा मन
अंग अंग अमृत छलकाये
जाता बचपन आता यौवन
जाता बचपन आता यौवन
जाने कैसी प्यास जगाये
मन का संयम टूटा जाये
जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये
सच हो अपने मिलन के सपने
सिंदूरी वो रात भी आये
सच हो अपने मिलन के सपने
सिंदूरी वो रात भी आये
तू मेरे आँगन झूमे जैसे
तू मेरे आँगन झूमे जैसे
नदियाँ सागर में लहराए
मन का संयम टूटा जाये
जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये
मन का संयम टूटा जाये
मन का संयम टूटा जाये
जब जब तू मेरे सामने आये
जब जब तू मेरे सामने आये