तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
वक् त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
वक् त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा
ख्वाब देखा था कि सेहरा में बसेरा होगा
क्या ख़बर थी कि वही ख़्वाब तो सच्चा होगा
वक् त आयेगा यही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा
मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर
मैं फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा खुशबू बनकर
रंग होगा ना बदन होगा ना चेहरा होगा
वक् त आयेगा वही शख्स मसीहा होगा
तुमने सूली पे लटकते हुये जिसे देखा होगा