[ Featuring Victor Jhirad ]
सर ही न झुका, दिल भी तो झुका
सर ही न झुका, दिल भी तो झुका
कल्याण यही होगा, निर्वाण यही होगा
बुद्धं शरणं गच्छामि
सर ही न झुका, दिल भी तो झुका
कल्याण यही होगा, निर्वाण यही होगा
बुद्धं शरणं गच्छामि
इन दीवारों से बातें कर
बुद्धं शरणं गच्छामि
इन दीवारों से बातें कर
मत छलका तू मन का सागर
इन दीवारों से बातें कर
बुद्धं शरणं गच्छामि
इन दीवारों से बातें कर
मत छलका तू मन का सागर
जीवन में यह सन्नाटा भर
जीवन में यह सन्नाटा भर
सन्नाटा भर सन्नाटा भर
फिर कान लगा फिर कान लगा
कल्याण यंही होगा, निर्वाण यही होगा
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
कल्याण यंही होगा
निर्वाण यही होगा
निर्वाण यही होगा