रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
दिल की दुनिया बसा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
ता क़यामत किसी तरह न बुझे
ता क़यामत किसी तरह न बुझे
आग ऐसी लगा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
दिल की दुनिया बसा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
दिल की दुनिया उदास सी क्यूँ है
दिल की दुनिया उदास सी क्यूँ है
क्या यहाँ से चला गया कोई
क्या यहाँ से चला गया कोई
दिल की दुनिया बसा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
वक़्त-ए-रुख़सत गले लगा के दाग़
वक़्त-ए-रुख़सत गले लगा के दाग़
हँसते हँसते रुला गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई
दिल की दुनिया बसा गया कोई
रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई