किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है
नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
तेरी निगाह से बचने में उम्र गुज़री है
तेरी निगाह से बचने में उम्र गुज़री है
उतर गया रग-ए-जाँ में ये नेशतर फिर भी
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी