चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिकी का
वो ज़माना याद है
तुझ से मिलते ही वो कुछ
बेबाक हो जाना मेरा
और तेरा दांतों में वो
उंगली दबाना याद है
खैंच लेना वो मेरा
परदे का कोना दफ्फातन
और दुपट्टे से तेरा
वो मुँह छुपाना याद है
दोपहर की धुप में
मेरे बुलाने के लिए
वो तेरा कोठे पे
नंगे पांव आना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिकी का
वो ज़माना याद है