नीले-नीले अंबर पर, चाँद जब आये
प्यार बरसाये, हमको तरसाये
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाये
नीले-नीले अंबर पर, चाँद जब आये
प्यार बरसाये, हमको तरसाये
हो, ऊँचे-ऊँचे पर्वत, जब चूमते है अंबर को
प्यासा-प्यासा अंबर, जब चूमता है सागर को
ऊँचे-ऊँचे पर्वत, जब चूमते है अंबर को
प्यासा-प्यासा अंबर, जब चूमता है सागर को
प्यार से कसने को, बाहों में बसने को
दिल मेरा ललचाये, कोई तो आ जाये
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाये
नीले-नीले अंबर पर, चाँद जब आये
हो, छम-छम करता सावन, बूँदों के बाण चलाये
सतरंगी बरसातों में, जब तन-मन भीगा जाये
छम-छम करता सावन, बूँदों के बाण चलाये
सतरंगी बरसातों में, जब तन-मन भीगा जाये
प्यार में नहाने को, डूब हीं जाने को
दिल मेरा तड़पाये, ख़्वाब जगा जाये
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाये
नीले-नीले अंबर पर, चाँद जब आये
प्यार बरसाये, हमको तरसाये