मस्ती है छाई ई ई,मस्ती है छाई बसन्ती पवन पर
बिखरा हुआ है सोना गगन पर, बिखरा हुआ है सोना गगन पर
डूब रहा है किरनवाला, डूब रहा है किरनवाला
बैठी है इक ब्रिज की बाला, बैठी है इक ब्रिज की बाला
जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे, जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे
हृदय का आँचल पथ पे बिछाए, हृदय का आँचल पथ पे बिछाए
नैनों में आशा के दीप जलाए, नैनों में आशा के दीप जलाए
हाथों में ले कर फूलों की माला, हाथों में ले कर फूलों की माला
बैठी है इक ब्रिज की बाला, बैठी है इक ब्रिज की बाला
जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे, जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे
रह रह के इत उत देख रही है
मन ही मन कछु सोच रही है, मन ही मन कछु सोच रही है
ना जाने है कौन आनेवाला, ना जाने है कौन आनेवाला
जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे, जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे
जादू से बड़कर है इसका शृंगार करेगी ये साजन से जब आँखें चार
जादू से बड़कर है इसका शृंगार करेगी ये साजन से जब आँखें चार
होगा समा एक वो भी निराला, होगा समा एक वो भी निराला
बैठी है एक ब्रिज कि बाला, बैठी है एक ब्रिज कि बाला
जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे, जमुना किनारे हाँ जमुना किनारे