जब शाम का सूरज ढलता है जब शाम का सूरज ढलता है
छुप छुप के चाँद के साय में कोई मुझे पुकारा करता है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है
जब होश में तारे आते है बेसूद रात हो जाती है
जब होश में तारे आते है
जब होश में तारे आते है बेसुद यात हो जाती है
मेरे कानो में धीरे धीरे आवाज किसी की आती है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है
कही आँख जरा सी लग जाये सपनो की रानी आती है
कभी आँख जरा सी लग जाये सपनो की रानी आती है
मैं उससे आँख चुराऊ वो उल्फत के साज़ बजाती है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है