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Hemanshu Parekh - Kabhi Kabhie Lyrics



Hemanshu Parekh - Kabhi Kabhie Lyrics
Official




कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के ज़िंदगी तेरी ज़ुल्फोन की नरम छाओ में गुज़र न पाती
तो शादाब हो भी सकती थी
ये रंज-ओ-ग़म की सियाही जो दिल पे छाई है
तेरी नज़र की स्वाओ में खो भी सकती थी
मगर ये हो ना सका
मगर ये हो ना सका और अब ये आलम है
के तू नहीं तेरा ग़म, तेरी जूस्तजू भी नहीं
गुज़र रही है कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे
इसे किसी क सहारे की आरज़ू भी नहीं
ना कोई राह,ना मंज़िल ना रोशनी का सुराग
भटक रही है अंधेरों में ज़िंदगी मेरी
ईनी अंधेरोन में रह जौंगा कभी खो कर
मैं जनता हूँ मेरी हमनफस मगर यूँ ही
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिए
तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिए

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
की ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाओं हैं मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में
की जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में
सुहाग रात हैं घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहाग रात हैं घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर युहीं
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र युहीं
मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर युहीं
मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर युहीं
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
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कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के ज़िंदगी तेरी ज़ुल्फोन की नरम छाओ में गुज़र न पाती
तो शादाब हो भी सकती थी
ये रंज-ओ-ग़म की सियाही जो दिल पे छाई है
तेरी नज़र की स्वाओ में खो भी सकती थी
मगर ये हो ना सका
मगर ये हो ना सका और अब ये आलम है
के तू नहीं तेरा ग़म, तेरी जूस्तजू भी नहीं
गुज़र रही है कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे
इसे किसी क सहारे की आरज़ू भी नहीं
ना कोई राह,ना मंज़िल ना रोशनी का सुराग
भटक रही है अंधेरों में ज़िंदगी मेरी
ईनी अंधेरोन में रह जौंगा कभी खो कर
मैं जनता हूँ मेरी हमनफस मगर यूँ ही
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिए
तुझे ज़मीन पे बुलाया गया है मेरे लिए

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
की ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाओं हैं मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में
की जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में
सुहाग रात हैं घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहाग रात हैं घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में
सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
की जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर युहीं
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र युहीं
मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर युहीं
मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर युहीं
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: PREMPAL HANS, KHAYYAM, SAHIR LUDHIANVI, HARDIP SIDHU
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC




Hemanshu Parekh - Kabhi Kabhie Video
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