धूप से निकल के, छांव से फिसल के
हम मिले जहाँ पर, लम्हा थम गया
आसमा पिघल के, शीशे में ढल के
जम गया तो तेरा, चेहरा बन गया
दुनिया भुला के तुमसे मिला हूँ
निकली है दिल से ये दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
रांझे की दिल से है दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
हाँ निकली है दिल से ये दुआ
हो रंग दे तू मोहे गेरुआ
हो तुमसे शुरू तुमपे फ़ना
है सूफियाना ये दास्तान
मैं कारवा मंजिल हो तुम
जाता जहाँ को हर रास्ता
तुमसे जुदा जो, दिल जरा संभल के
दर्द का वो सारा, कोहरा छन गया
दुनिया भुला के तुमसे मिला हूँ
निकली है दिल से ये दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
हो रांझे की दिल से है दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
ओ वीरान था दिल का जहाँ
जिस दिन से तू दाखिल हुआ
इक जिस्म से इक जान का
दर्जा मुझे हासिल हुआ
हाँ फीके है सारे नाते जहाँ के
तेरे साथ रिश्ता गहरा बन गया
दुनिया भुला के तुमसे मिला हूँ
निकली है दिल से ये दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
रांझे की दिल से है दुआ
रंग दे तू मोहे गेरुआ
हाँ निकली है दिल से ये दुआ
हो रंग दे तू मोहे गेरुआ