तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल
बड़ी मुश्किलों से फिर संभलता है दिल
क्या क्या जतन करते हैं तुम्हें क्या पता
यह दिल बेकरार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
सुना गम जुदाई का उठाते हैं लोग
जाने ज़िंदगी कैसे बिताते हैं लोग
दिन भी यहाँ तो लगे बरस के समान
हमें इंतेज़ार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना
हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना