बातों बातों में रूठी हो कहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
तुम जो कहो तो मनाऊ यही
तुम जो कहो तो मनाऊ यही
बातों बातों में रूठी हो कहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
शाम का रंग उड़ती पतंग
मेरी चाहत को करता इज़हार
मेरी चाहत को करता इज़हार
तुम जो कहो तो बताऊ यहीं
तुम जो कहो तो बताऊ यहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
यादों का जाम क्यूँ बदनाम
मेरे दिल को करे बेकरार
मेरे दिल को करे बेकरार
तुम जो कहो तो सताऊं यहीं
तुम जो कहो तो सताऊं यहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
बातों बातों में रूठी हो कहीं
तुम जो कहो तो मनाऊ यही
तुम जो कहो तो मनाऊ यही
रा रा र
रूठी हो कहीं
तो मनाऊ यही