[ Featuring Mohammed Rafi ]
नयी हवा मे उड़ने देखो वन का मोर चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
नयी हवा मे उड़ने देखो वन का मोर चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
सुनते है शहर मैं जब जब सावन भादो आता है
सुनते है शहर मैं जब जब सावन भादो आता है
पानी की बूँदो के बदले हरे नोट बरसता है
भर लेता है झोली जिसका जितना ज़ोर चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
ये भी सुना ही रात वहा की दिन को शर्माती है
ये भी सुना ही रात वहा की दिन को शरमाती है
दीवारो को हाथ लगाओ तो बत्ती जल जाती है
अपने घर तो दिया कभी न सारी रात जला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
ये धरती आकाश वहां भी होगा या न होगा
ये धरती आकाश वहां भी होगा या न होगा
देखा जायेगा किस्मत में जो भी लिखा होगा
निकल पड़े जब घर से क्यों न करेगा राम भला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला
अपना गावं सँभालो में तो शहर की और चला