[ Featuring Lata Mangeshkar ]
आप चाहे मुझको आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवान ऐसे तो हँसी भी नहीं
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में
आप चाहे मुझ को आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवान ऐसे तो हँसी भी नहीं
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में
हाए रे गरूर आपका सुझे मुझे भी दिल्लगी
मैं इक दिन तुम्हारी बेतुकी अदा पे हंस पड़ी
तुम समझे मैं मरती हूँ तुमपे
तुम समझे मैं मरती हूँ तुमपे
आपकी समझ को क्या कहूँगी
आप चाहे मुझ को आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवान ऐसे तो हँसी भी नहीं
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में
हो तुम किस ख़याल में
अरे पूजते है सब यहाँ मुझे
ओ देखूं सूरत तुम्हारी
फ़ुर्सत ही कहा मुझे
ये भी जानो एहसान मेरा
ये भी जानो एहसान मेरा
इक बार भी जो देख लूँ जी
आप चाहे मुझ को आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवान ऐसे तो हँसी भी नहीं
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में
आप चाहे मुझ को आरज़ू है किसको
ऐसे तो जवान ऐसे तो हँसी भी नहीं
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में
आपसे परे है कई राहो में