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Ghanshyam Vaswani - Mil Mil Ke Bichhadne Ka Maza Lyrics



Ghanshyam Vaswani - Mil Mil Ke Bichhadne Ka Maza Lyrics
Official




मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचे
ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचे
चुपके से मुझे आके सदा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बत
है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बत
कब मैंने कहा तुमसे दवा क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दो
गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दो
हूँ ग़ैर तो महफ़िल से उठा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
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मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचे
ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचे
चुपके से मुझे आके सदा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बत
है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बत
कब मैंने कहा तुमसे दवा क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दो
गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दो
हूँ ग़ैर तो महफ़िल से उठा क्यों नहीं देते
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते
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Writer: IBRAHIM ASHK, JAGJIT SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Ghanshyam Vaswani - Mil Mil Ke Bichhadne Ka Maza Video
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