एक सेहर है और एक तू
मुझे दोनों की आदत नहीं
कभी शाम जैसी है तू
तुझे देखते राहत नहीं
तू जुबां या लफ्ज़ है
क्यों लबो की चाहत है तू
तू जुदा या वक़्त है
यूँ गुज़रती सी आयत है तू
मैं कह भी दूं तो क्या कहूँ
तेरी तारीफो में ये बता
मैं कह भी दूं तो क्या कहूँ
तुझे फुर्सतों में ये बता
कह भी दूं कह भी दूं
कह भी दूं कह भी दूं
कह भी दूं कह भी दूं
कह भी दूं कह भी दूं
यूँ शाम तक का रास्ता
मैंने धुप में है गुज़ारा
तूने छाँव बन के है मुझको
नकारा कर दिया
यूँ शाम तक का रास्ता
मैंने धुप में है गुज़ारा
तूने छाँव बन के है मुझको
नकारा कर दिया
दो जहान है और एक तू
दोनों में ही तुझसी रहमत नहीं
एक हवा है और एक तू
साँसों में है दोनों की ही कमी
तू खुदा या अक्स है
कैसे मानू तुझसे वाकिफ नहीं
तू जुदा या वक़्त है
यूँ गुज़रती सी आयत है तू
मैं कह भी दूं तो क्या कहूँ
तेरी तारीफो में ये बता
मैं कह भी दूं तो क्या कहूँ
तुझे फुर्सतों में ये बता
क्या कह भी दूं
मैं कह भी दूं मैं कह भी दूं
मैं कह भी दूं कह भी दूं
कह भी दूं मैं कह भी दूं
मैं कह भी दूं मैं कह भी दूं
कह भी दूं कह भी दूं
ये बता