दोस्ती करते नहीं
दोस्ती हो जाती है
दोस्ती बढ़ जाए तो
आशिक़ी बन जाती है
आशिक़ी बढ़ जाए तो
बंदगी बन जाती है
दोस्ती करते नहीं
दोस्ती हो जाती है
दोस्ती बढ़ जाए तो
आशिक़ी बन जाती है
आशिक़ी बढ़ जाए तो
बंदगी बन जाती है
होठों के ऊपर रुकती नहीं
पलकों के पीछे छुपती नहीं
लगती नहीं ये दिल की लगी
लग जाए तो फिर बुझती नहीं
कैसा नशा है इस प्यार का
दिल जिससे मदहोश हो जाते है
कुछ लोग गाते है झुमके
कुछ लोग खामोश हो जाते है
ये ख़ामोशी इक दिन शायरी बन जाती है
दोस्ती करते नहीं दोस्ती हो जाती है
दोस्ती बढ़ जाए तो आशिक़ी बन जाती है
आशिक़ी बढ़ जाए तो बंदगी बन जाती है