Back to Top

Woh Sham Kuchh Ajeeb Thi Video (MV)






Dr Mamta Shukla - Woh Sham Kuchh Ajeeb Thi Lyrics
Official




वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है

वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी

झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था
दबी-दबी हँसी में इक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी

मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं सोचता था मेरा नाम गन गुना रही है
मैं सोचता था मेरा नाम गन गुना रही है
यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है

वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी

झुकी हुई निगाह में कहीं मेरा ख़याल था
दबी-दबी हँसी में इक हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी

मेरा ख़याल है अभी झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं सोचता था मेरा नाम गन गुना रही है
मैं सोचता था मेरा नाम गन गुना रही है
यही ख़याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है
वो शाम कुछ अजीब थी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GULZAR, HEMANT KUMAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet