रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
उजाला मा था मधुर मधुर चितवन
रंग का सौदा रूप का चंदन
रस का सागर है जैसे तेरा बदन
मन्न में एक कामना सामोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
हम्म हम्म हम्म
हो हो हो
सात तरंगो ने ली है अंगड़ाई
साँस में घुल रही है सहनाई
रात की हर घड़ी है यूँ आई
जैसे मोटी कोई पिरोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
चेहरा झलका सरकते आचल में
चाँद चलता है जैसे बादल में
मन्न है क्या जाने कैसी हलचल में
अब मेरा चैन मुझसे खोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है