आज आज आज आज
आज रपट जाएं
तोह हमेँ न उठाइयो
आज फिसल जाएं
तोह हमेँ न उठाइयो
हमें जो उठाइयो तोह
हमें जो उठाइयो तोह
खुद भी रपट जैयो
हा खुद भी फिसल जैयो
आज रपट आ हा आज रपट जैयो
तोह हमेँ न उठाइयो
बरसात में थी कहा बात ऐसी
पहली बार बरसी बरसात ऐसी
बरसात में थी कहा बात ऐसी
पहली बार बरसी बरसात ऐसी
कैसी यह हवा चली
पानी में आग लगी
जाने क्या प्यास जागी रे
भीगा यह तेरा बदन
जगाये मीठी चुभन
नशे में जुमे ये मन्न रे
कहा हूँ मैं मुझे भी यह होश नहीं
आ हा हो हो
आ हा हो हो आज बहक जाए
तोह होश न दिलाइयो
आज बहक जाए तोह
होश न दिलाइयो
होश जो दिलाइयो तोह
होश जो दिलाइयो तोह
खुद भी बेहक जैयो
आज रपट आ हा आज रपट जैयो
तोह हमेँ न उठाइयो
बादल से छम छम से शराब बरसे
सावरी घाट से शबाब बरसे
बादल से छम छम से शराब बरसे
सावरी घाट से शबाब बरसे
बूंदों की बजी पायल हाँ
घटा ने छेड़ी ग़ज़ल हाँ
ये रात गयी मचल रे
दिलों के राज़ खोले हैं
फ़िज़ा में रंग घुले हाँ
जवां दिल खुलके मिले रे
होना था जो हुआ वही अब डरना क्या
आ हा हो हो
आ हा हो हो
आज डूब जाए तो हमें न बचाइयो
आज डूब जाए तो हमें न बचाइयो
हमें जो बचाइयो तोह
हमें जो बचाइयो तोह
खुद भी डूब जैयो
आज रपट आ हा आज रपट जैयो
तोह हमेँ न उठाइयो
आज फिसल जायें तोह
हमें न उठाइयो
आ हा हो हो आ हा हो हो