मुझको इतना बताये कोई
कैसे तुझसे दिल ना लगाए कोई
रब्बा ने तुझको बनाने में
कर दी है हुस्न की खाली तिजोरियाँ
काजल की सिहाई से लिखी
है तूने जाने
कितनो की लव स्टोरियाँ
केसरिया तेरा इश्क़ है पिया
रंग जाऊं जो मैं हाथ लगाऊँ
दिन बीते सारा तेरी फ़िक्र में
रैन सारी तेरी खैर मनाऊँ