तुझे सोचता हूँ मैं शाम ओ सुबह
इस्से ज्यादा तुझे और चाहू तो क्या
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा
इस्से ज्यादा तुझे और चाहू तो क्या
बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तिहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
मेरी धड़कनों में ही तेरी सदा
इस कदर तू मेरी रूह में बस गया
तेरी यादों से कब रहा मैं जुड़ा
वक़्त से पूछ ले वक़्त मेरा गवाह
बस सारे ग़म में जाना संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना संग हूँ तेरे
अब इतने इम्तेहान भी ना ले मेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
आ आ आ संग हूँ तेरे
हे हे हे हे हे हे हे
ओ ओ ओ ओ ओ