मेरे माता पिता और हो आप मेरे बंधु दादाजी
मित्र भी हैं आप और भगवान मेरे आप दादाजी
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
वात्सल्य माँ का पाया आप ही से
पिता का सामर्थ्य पाया आपकी छत में
मायूसी के पल बन के मित्र आएँ
ज़रूरत पड़ने पर मेरे बंधु बन के रहें
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
राह जीवन की टेढ़ी मेढ़ी सी
आपने उँगली पकड़ ली बच गए हम भी
फीर भी राह में जो डगमगाए कदम
उठाकर अपनी ही गोद में रक्षा की हरदम
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
समय आने पर दी समझ सच्ची
प्रेम से सिखाया क्या है हित क्या है अहित
भूल करने पर प्रेम ना टूटा
धैर्य आपका देख के शक्ति भी बढ़ती गई
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
मेरे माता पिता और हो आप मेरे बंधु दादाजी
मित्र भी हैं आप और भगवान मेरे आप दादाजी
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
ओ दादाजी आपका ऋण ये कैसे चूकाऊँ आप बताएँ
आपके चरणों में ये जीवन समर्पित है
आपके चरणों में ये जीवन समर्पित है
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी
अनगिनत उपकार आपके याद आएँ हर घड़ी
मेरी उम्र आपको लग जाएँ प्यारे दादाजी