मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
जहाँ पर हर कोई प्रेम से जीए
जहाँ पर रोज़ ज्ञान रस पीए
सपनों में देखा है छोटा सा गाँव
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
रहते हैं जहाँ पर हर जात के लोग
सब के होठों पे हो मीठे बोल
रहते हैं जहाँ पर हर जात के लोग
सब के होठों पे हो मीठे बोल
जहाँ होती है शुरूआत सुबह की लेकर प्रभु का नाम
सीमंधर गीरधर शिव को
सीमंधर गीरधर शिव को
करते जहाँ साथ प्रणाम
सपनों में देखा है छोटा सा गाँव
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
सानिध्य ज्ञानी का कायम मिले
सत्संग की बातों से आतम खिले
सानिध्य ज्ञानी का कायम मिले
सत्संग की बातों से आतम खिले
प्योरिटी और पवित्रता की आती जहाँ है सुगंध
अभेदता और प्रेम का
अभेदता और प्रेम का
सब के बीच में है बाँध
सपनों में देखा है छोटा सा गाँव
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा
जहाँ पर हर कोई प्रेम से जीए
जहाँ पर रोज़ ज्ञान रस पीए
सपनों में देखा है छोटा सा गाँव
मैंने सपनों में देखा है एक गाँव छोटा सा