बंदे तू कौन है
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
जायेगा कहाँ जब जाए जहान से
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
जायेगा कहाँ जब जाए जहान से
जायेगा कहाँ जब जाए जहान से
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
अपने आप को नहीं पहचाना आपसे खुद है आप अन्जाना
कौन है खुद ये कभी न सोचा
कौन है खुद ये कभी न सोचा
नश्वर तन को ही मैं हूँ माना
नश्वर तन को ही मैं हूँ माना
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
नाम दिया पहचान करने को मान लिया जिसे आप अपने का
नाम कहाँ तक रहता पगले
नाम कहाँ तक रहता पगले
अर्थी उठे तब वापस ले ले
अर्थी उठे तब वापस ले ले
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
खुद तो है केवल एक दर्पण प्रतिबिंब को ही माने निजपन
तू जो नहीं जिसे तू खुद माने
तू जो नहीं जिसे तू खुद माने
परछाई को क्यों खुद जाने
परछाई को क्यों खुद जाने
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
बंद आँख का नींद में सपना खुली आँख का जग है सपना
भूल है तेरी जो भूल ना समझे
भूल है तेरी जो भूल ना समझे
बौरा बेगाना काहे काहे को भटके
बौरा बेगाना काहे काहे को भटके
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
ज्ञानीपुरुष हैं खुद परमात्मा निज स्वरूप है निज शुद्धात्मा
दादा समर ले दादा का हो जा
दादा समर ले दादा का हो जा
दादा रटते तू दादा ही हो जा
दादा रटते तू दादा ही हो जा
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
बंदे तू कौन है आया कहाँ से
जायेगा कहाँ जब जाए जहान से
जायेगा कहाँ जब जाए जहान से
बंदे तू कौन है आया कहाँ से