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Aatma Ko Janane Ka Video (MV)




Performed By: Dada Bhagwan
Language: English
Length: 5:18
Written by: Dada Bhagwan
[Correct Info]



Dada Bhagwan - Aatma Ko Janane Ka Lyrics
Official




आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मज्ञानी दादा का यहाँ मिलता खज़ाना है।
आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मज्ञानी दादा का यहाँ मिलता खज़ाना है।
शुद्धात्मा की चाहत में भटके हैं जन्मोंजन्म
शुद्धात्मा की चाहत में भटके हैं जन्मोंजन्म
दादा के अक्रम ज्ञान का मार्ग विरलों ने जाना है।
कोई गुरु नहीं कोई शिष्य ये सत्संग निराला है
हो हो हो कोई गुरु नहीं कोई शिष्य ये सत्संग निराला है
दादा के तत्व ज्ञान ने सबको आत्मा बनाया है।
कुछ करना भी नहीं स्वयं क्रियाकारी ज्ञान है
कुछ करना भी नहीं स्वयं क्रियाकारी ज्ञान है
परम विनय से केवलज्ञान सुनते जाना है
नीरू माँ की हाजि़री है ममता का एहसास है
हो हो हो नीरू माँ की हाजि़री है ममता का एहसास है
वात्सल्य का सागर इसमें डूबते जाना है
दीपकभाई के सानिध्य में ज्ञान गंगा बहती है
दीपकभाई के सानिध्य में ज्ञान गंगा बहती है
वीतरागी ज्ञान अमृत से मुक्ति को पाना है
देवी देव पधारते हैं आशिष बरसाते हैं
हो हो हो देवी देव पधारते हैं आशिष बरसाते हैं
कृपाओं से भवसागर निर्विघ्न तर जाना है
मुमुक्षु आते हैं और धन्य धन्य हो जाते हैं
मुमुक्षु आते हैं और धन्य धन्य हो जाते हैं
दादाजी के स्टीमर में निश्चिंत बैठ जाना है
महात्माओं के हृदय में एकावतारी भावना है
हो हो हो महात्माओं के हृदय में एकावतारी भावना है
स्वामी की शरण में महाविदेह जाना है
दादा की करुणा है जग कल्याणी भावना है
हो हो हो दादा की करुणा है जग कल्याणी भावना है
विश्व के घर घर में त्रिमंदिर बनाना है
त्रिमंदिर बनाना है त्रिमंदिर बनाना है
ज्ञान को पहुँचाना है ज्ञान को पहुँचाना है
ज्ञान को पहुँचाना है
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English

आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मज्ञानी दादा का यहाँ मिलता खज़ाना है।
आत्मा को जानने का सत्संग ही ठिकाना है
आत्मज्ञानी दादा का यहाँ मिलता खज़ाना है।
शुद्धात्मा की चाहत में भटके हैं जन्मोंजन्म
शुद्धात्मा की चाहत में भटके हैं जन्मोंजन्म
दादा के अक्रम ज्ञान का मार्ग विरलों ने जाना है।
कोई गुरु नहीं कोई शिष्य ये सत्संग निराला है
हो हो हो कोई गुरु नहीं कोई शिष्य ये सत्संग निराला है
दादा के तत्व ज्ञान ने सबको आत्मा बनाया है।
कुछ करना भी नहीं स्वयं क्रियाकारी ज्ञान है
कुछ करना भी नहीं स्वयं क्रियाकारी ज्ञान है
परम विनय से केवलज्ञान सुनते जाना है
नीरू माँ की हाजि़री है ममता का एहसास है
हो हो हो नीरू माँ की हाजि़री है ममता का एहसास है
वात्सल्य का सागर इसमें डूबते जाना है
दीपकभाई के सानिध्य में ज्ञान गंगा बहती है
दीपकभाई के सानिध्य में ज्ञान गंगा बहती है
वीतरागी ज्ञान अमृत से मुक्ति को पाना है
देवी देव पधारते हैं आशिष बरसाते हैं
हो हो हो देवी देव पधारते हैं आशिष बरसाते हैं
कृपाओं से भवसागर निर्विघ्न तर जाना है
मुमुक्षु आते हैं और धन्य धन्य हो जाते हैं
मुमुक्षु आते हैं और धन्य धन्य हो जाते हैं
दादाजी के स्टीमर में निश्चिंत बैठ जाना है
महात्माओं के हृदय में एकावतारी भावना है
हो हो हो महात्माओं के हृदय में एकावतारी भावना है
स्वामी की शरण में महाविदेह जाना है
दादा की करुणा है जग कल्याणी भावना है
हो हो हो दादा की करुणा है जग कल्याणी भावना है
विश्व के घर घर में त्रिमंदिर बनाना है
त्रिमंदिर बनाना है त्रिमंदिर बनाना है
ज्ञान को पहुँचाना है ज्ञान को पहुँचाना है
ज्ञान को पहुँचाना है
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Writer: Dada Bhagwan
Copyright: Lyrics © O/B/O DistroKid

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