हमको उनसे है वफ़ा की उमीदे
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
हमको उनसे है वफ़ा की उमीदे
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
रग़ों मैं दौड़ते
फिरने के हम नहीं कायल
जब आँख ही से न टपका तो
फिर लहू क्या है
हमको उनसे है वफ़ा की उमीदे
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
मैं नादान था
जो वफ़ा को तलाश करता रहा गालिब
मैं नादान था
जो वफ़ा को तलाश करता रहा गालिब
ये न सोच की एक दिन
अपनी सांस भी बेवफा हो जाएगी
हमको उनसे है वफ़ा की उमीदे
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है