अनजाने कोई ख्वाब जैसे
सुनसान राह में हम बैठे
चली फिर वही आबू हवा लायी
यादों का संदेसा
फिर गूँज उठी, आवाज़े
दूर से कोई है पुकारे
आना पाएंगे हम वह
है यादों का फासला
इन्ही यादों की गहरायी मैं
वह खो गए
वह खो गए
वह खो गए
वह खो गए
अनजाने कोई ख्वाब जैसे
सुनसान राह में हम बैठे
चली फिर वही आबू हवा लायी
यादों का संदेसा
फिर गूँज उठी, आवाज़े
दूर से कोई है पुकारे
आना पाएंगे हम वहा
है यादों का फासला
इन्ही यादों की गहरायी मैं
वह खो गए
वह खो गए
वह खो गए
वह खो गए
आ आ आ आ
आ आ आ आ
आ आ आ आ
वोह ओह ओह खो ओह ओह गए
वोह ओह ओह खो ओह ओह गए