दूरियाँ हैं हम में कहीं
दीवारें हैं दिलों में कहीं
१०० रास्ते हैं, मंज़िल एक ही
ख़ो ना जाएँ हम सारे ही
आ आ आ ओ ओ
मिटा दो ये लकीरों को
एक ही आसमाँ है, एक ही है ज़मी
ना जाने तू है ख़ोया क्यूँ
१०० रास्तों पर, ख़ुदा एक हीvv
आ आ आ ओ ओ
गूँज उठी एक आवाज़ कहीं (एक आवाज़)
मेरे दिल की है साज़ सही (साज़)
ग़रजते बादल बरसते नहीं
रोको उन्हें या रुक जाओ वहीं
आ आ आ ओ ओ
मिटा दो ये लकीरों को
एक ही आसमाँ है, एक ही है ज़मी
ना जाने तू है ख़ोया क्यूँ
१०० रास्तों पर, ख़ुदा एक ही
आ आ आ ओ ओ