तू धोका है, गुमराह अकेला
तू दर्द है, या कोई घाव गहरा
तू परछाई, बहती हवा की
ढलता सूरज, या घोर अंधेरा
तेरी कहानी अनकही, जैसे पत्ते मुरझाए से
तो रुक जा तू कही, तू बहता क्यू है ऐसे जैसे
बहती बूँदें, बहता ऐसे
बहती बूँदें
आ आ आ
आँखें खुली, ख्वाबों से
और बिखरे तारे, आँगन में
कोई सवेरा, छुपा है
जैसे अंधेरा, रातों में
तेरी कहानी अनकही, जैसे पत्ते मुरझाए
तो रुक जा तू कही, तू बहता क्यू है ऐसे जैसे
बहती बूँदें, बहता ऐसे
बहती बूँदें
आ आ आ
तेरी यादें, खोई नही
और सारी बातें, खोई नही
और सारे तारे, तेरे लिए है
और सारे बादल भी, तेरे लिए
आ आ आ