Back to Top

Kabhi To Khul Ke Baras Video (MV)






Chitra Singh - Kabhi To Khul Ke Baras Lyrics
Official




कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
मेरा बजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हूँ
मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हूँ
मुझे संभाल के रखिएगा जिसमों-ओ-जाँ की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
जो बिछ गया तेरे कदमों में आसमान की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

बुला रहा हैं मुझे फिर किसी बदन का बसंत
बुला रहा हैं मुझे फिर किसी बदन का बसंत
गुजर ना जाये ये रुत भी कहीं खिजां की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
मेरा बजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हूँ
मैं एक ख्वाब सही आपकी अमानत हूँ
मुझे संभाल के रखिएगा जिसमों-ओ-जाँ की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
कभी तो सोच के वो शख्स किस कदर था बुलंद
जो बिछ गया तेरे कदमों में आसमान की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह

बुला रहा हैं मुझे फिर किसी बदन का बसंत
बुला रहा हैं मुझे फिर किसी बदन का बसंत
गुजर ना जाये ये रुत भी कहीं खिजां की तरह
मेरा वजूद हैं जलते हुए मकान की तरह
कभी तो खुल के बरस अब रे मेहरबान की तरह
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAGJIT SINGH, PREM WARWARTANI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Chitra Singh

Tags:
No tags yet