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Chitra Singh - Jahan Jahan Mujhe Sehra Lyrics



Chitra Singh - Jahan Jahan Mujhe Sehra Lyrics
Official




जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी

ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी
जहाँ से अर्श भी नीचा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये भीगी पलकें किसी की ये अश्क बा-राखें

ये भीगी पलकें किसी की ये अश्क बा-राखें
बस एक बार भी क्या क्या दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
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जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे

ये एक अब्र का टुकड़ा कहाँ कहाँ बरसे
तमाम दश्त ही प्यासा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी

ये किस मक़ाम पे लायी है जुस्तजू तेरी
जहाँ से अर्श भी नीचा दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है

ये भीगी पलकें किसी की ये अश्क बा-राखें

ये भीगी पलकें किसी की ये अश्क बा-राखें
बस एक बार भी क्या क्या दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
मेरी तरह से अकेला दिखाई देता है
जहाँ जहाँ मुझे सेहरा दिखाई देता है
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Writer: JAGJIT SINGH, SHAKEB JALAALI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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