दिया जलाऊँ दिया जलाऊँ
मैं घी का दिया जलाऊँ रे घर आओ
मैं घी का दिया जलाऊँ रे घर आओ
चैन न दिन भर, रैन न निदिया
चैन न दिन भर, रैन न निदिया
बिखर गई बिसर गई माथे की बिँदिया
नैनन नीर बहाऊँ रे घर आओ, घर आओ
मैं घी का दिया जलाऊँ रे घर आओ
बड़ी देर से खड़ी सुहागन
बड़ी देर से खड़ी सुहागन, राह तकत है तिहारी
आओ मन के मीत अब आओ
आओ मन के मीत अब आओ, पूजा करूँ तिहारी
घर आओ
मैं घी का दिया जलाऊँ रे घर आओ