कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये
कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये
फिर सोचा के ख़ामोश रहें
रह नहीं पाये
कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये
समझा ना मेरा ग़म कोई
इस बात का ग़म है
फिर भी मेरे दिल तुझको
वफ़ाओं की क़सम है
आँखों में हो आँसू भी
मगर बह नहीं पाये
कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये
फूलों से चमन
आसमाँ तारों से भरा है
उम्मीद का दामन मेरा
ख़ारों से भरा है
क़िसमत ने सितम ऐसे किये
सह नहीं पाये
कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये
फिर सोचा के ख़ामोश रहें
रह नहीं पाये
कहने को बहुत कुछ था
मगर कह नहीं पाये