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Bhupinder Singh - Mujhko Bhi Tarkeeb Sikha De Lyrics



Bhupinder Singh - Mujhko Bhi Tarkeeb Sikha De Lyrics
Official




[ Featuring Mitali Singh ]

हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे

मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे मुझको भी

हन मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

अक्सर तुझको देखा है
अक्सर तुझको देखा है
की ताना बुनते
जब कोई तागा टूट गया
या ख़तम हुआ
फिर से बाँध के
और सिरा कोई जोड़ के उसमे
आगे बुनने लगते हो
आयेज बुनने लगते हो
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे

तेरे उस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
एक भी गान्त्त गिरह बुंटर की
देख नहीं सकता है कोई
देख नहीं सकता है कोई
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
लेकिन उसकी सारी गिरहें
साफ नज़र आती हैं
साफ नज़र आती हैं
हन साफ नज़र आती हैं
हन मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे मुझको भी
मुझको भी
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

हे हे हे हे हे हे हे
[ Correct these Lyrics ]

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हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे

मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे मुझको भी

हन मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

अक्सर तुझको देखा है
अक्सर तुझको देखा है
की ताना बुनते
जब कोई तागा टूट गया
या ख़तम हुआ
फिर से बाँध के
और सिरा कोई जोड़ के उसमे
आगे बुनने लगते हो
आयेज बुनने लगते हो
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे हे

तेरे उस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
तेरे यूयेसेस ताने में लेकिन
एक भी गान्त्त गिरह बुंटर की
देख नहीं सकता है कोई
देख नहीं सकता है कोई
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी हन मुझको भी हन
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
मैने तो एक बार बुना था
इक ही रिश्ता
लेकिन उसकी सारी गिरहें
साफ नज़र आती हैं
साफ नज़र आती हैं
हन साफ नज़र आती हैं
हन मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे मुझको भी
मुझको भी
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार
मेरे यार जुलाहे
मुझको भी तरकीब सीखा दे यार

हे हे हे हे हे हे हे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SINGH BHUPINDER (GB - CNTRY), SINGH MITALI
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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