[ Featuring KK ]
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहो को मोडके
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहो को मोडके
खामोशिया पूछती है
तन्हैया छेड़ती है
क्यों गुमसूँ है अकेले
हम जीना छ्चोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
दिल को यकीन यह
आता नही हैं
लौट के तुम नही आओगे
यूही सताने को
तुम च्छूप गये हो
लगता हैं पल भर
में आ जाओगे
तुम ही कहो कैसे भुलाए
आँखें यह डब दबाए
खो गये कहा तुम
हर बंधन तोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
चेहरा चेहरा लहराने लगे
आँखो में कभी दूर से
जो रातो में बुलाए
हम आवाज़े तेरी
तुम ही नज़र
आए जिधर गये
तेरे बिना बिखर गये
टूटे है बना दो
तुम हुमको जोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
ऐसे कोई जाता है
किसी को छ्चोड़ के
जैसे तुम गये हो
राहों को मोड़ के
खामोशिया पूछती है
तन्हैया च्छेदती है
क्यों गुमसूँ है अकेले
हम जीना छ्चोड़ के