प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
मुझ को हर घड़ी दीदार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
रूप रँग पे मरता आया, सदियों से यह ज़माना
मैं मन की सुंदरता देखूँ, प्यार का मैं दीवाना
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
तूफ़ां में बाहों की पतवार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
मेरे सिवा तुम और किसी को, दिल में न आने दोगी
फूलों की तो बात ही क्या है, काँटों के साथ चलोगी
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
दिन रात वफ़ा का इक़रार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये
मुझ को हर घड़ी दीदार चाहिये
तुम्हारा प्यार चाहिये मुझे जीने के लिये