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Asif Panjwani - Raah Ka Teri Musafir Hoon Lyrics



Asif Panjwani - Raah Ka Teri Musafir Hoon Lyrics
Official




राह का तेरे मुसाफिर हूँ

राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
तू जो अगर धूप बने
मैं तेरा साया बनता हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ

सहमे सहमे से उन लम्हो को
बड़ी शिद्दत से जिया था
तेरे रुखसार की शबनम हम
अश्कों की तरह पिया था
तेरी ही आहत सुनता हूँ
बस तेरे ख्वाब बुनता हूँ
हो तेरे इश्क़ में मैं काफ़िर हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ

महके महके जिस्म की आरिशें
ज़रा मुझपे बरसा दो
मेरे इश्क़ का तुम हमदम हम
गवाह रूह को बना दो
तेरा ही साँसों पे है पहरा
बिन तेरे लम्हा अभी ठहरा
हो तेरे इश्क़ में मैं काफ़िर हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
तू जो अगर धूप बने
मैं तेरा साया बनता हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
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राह का तेरे मुसाफिर हूँ

राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
तू जो अगर धूप बने
मैं तेरा साया बनता हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ

सहमे सहमे से उन लम्हो को
बड़ी शिद्दत से जिया था
तेरे रुखसार की शबनम हम
अश्कों की तरह पिया था
तेरी ही आहत सुनता हूँ
बस तेरे ख्वाब बुनता हूँ
हो तेरे इश्क़ में मैं काफ़िर हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ

महके महके जिस्म की आरिशें
ज़रा मुझपे बरसा दो
मेरे इश्क़ का तुम हमदम हम
गवाह रूह को बना दो
तेरा ही साँसों पे है पहरा
बिन तेरे लम्हा अभी ठहरा
हो तेरे इश्क़ में मैं काफ़िर हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
तू जो अगर धूप बने
मैं तेरा साया बनता हूँ
राह का तेरे मुसाफिर हूँ
संग पल पल चलता हूँ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Nadeem Ahmad
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC




Asif Panjwani - Raah Ka Teri Musafir Hoon Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Asif Panjwani
Length: 4:17
Written by: Nadeem Ahmad

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